नोखा में जांभाणी हरि कथा का आयोजनः डॉ.मधु बिश्नोई ने कहा-धर्म जीवन जीने की शैली

नोखा में जांभाणी हरि कथा का आयोजनः डॉ.मधु बिश्नोई ने कहा-धर्म जीवन जीने की शैली

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। नोखा में बिश्नोई समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल मुकाम के संस्कृति सेवाधाम में आज आयोजित जांभाणी हरिकथा को कथावाचिका डॉ. मधु बिश्नोई कई प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि ने धर्म के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि जीवन जीने का एकमात्र आधार धर्म ही है, क्योंकि बिना धार्मिकता के मनुष्य पशु के समान होता है। आधुनिक युग में जहां भौतिकता और आधुनिकता की दौड़ तेजी से बढ़ रही है, इसमें धर्म का पालन करना जरुरी है।

कथावाचिका ने कहा-धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक शैली है, जो हमारे आचार-विचार, नैतिकता और समाज के प्रति कर्तव्यों को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा कि धर्म का सही अर्थ आत्मिक उन्नति, सदाचार और मानवता की सेवा से जुड़ा हुआ है। जब व्यक्ति धर्म के वास्तविक अर्थ को समझता है, तब उसे जीवन की सच्ची राह का ज्ञान होता है। धर्म हमें सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाता है और यही कारण है कि इसे जीवन का आधार माना जाता है।

डॉ. मधु ने विशेष रुप से युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को धर्म के प्रति जागरूक होकर अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को स्थापित करना चाहिए। धर्म का पालन करने से व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत उन्नति करता है, बल्कि समाज में भी शांति और सद्भावना की स्थापना होती है। आज की दुनिया में धर्म को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है। धर्म का वास्तविक रुप किसी विशेष आस्था या मत से नहीं, बल्कि सभी जीवों के प्रति करुणा, प्रेम और दया से जुड़ा हुआ है। धर्म हमें एकजुटता और सामूहिक हित की भावना सिखाता है और यही हमें एक सफल और सार्थक जीवन जीने की दिशा दिखाता है।

आपको बता दें कि इस हरी कथा महोत्सव के साथ साथ सेवाधाम में डॉ. मधु बिश्नोई के सान्निध्य में स्वाध्याय शिविर भी संचालित किया जा रहा है, जिसमें योग, प्राणायाम, यज्ञ, संस्कार और संध्या वंदन जैसे सत्र का संचालन किया जा रहा है। जाभांणी हरिकथा के अवसर पर एक अक्टूबर को प्रात महायज्ञ व महा प्रसादी का आयोजन होगा। इससे पहले आज 30 सितंबर को रात्रि जागरण होगा। जिसमें समाज के समस्त पदाधिकारी और संतवृंद मौजूद रहेंगे।

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