नोखा के ढिंगसरी गाँव की बेटी मंजू राजपूत को मिलेगी इंटरनेशनल ट्रेनिंगःजर्मनी के दूसरे सबसे बड़े फुटबॉल क्लब ने चुना, 10 दिन चलेगी ट्रेनिंग

नोखा के ढिंगसरी गाँव की बेटी मंजू राजपूत को मिलेगी इंटरनेशनल ट्रेनिंगःजर्मनी के दूसरे सबसे बड़े फुटबॉल क्लब ने चुना, 10 दिन चलेगी ट्रेनिंग

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। नोखा के ढींगसरी गांव की 4000 की जनसंख्या में 12 से 16 साल की 14 बेटियां फुटबॉल खेलती हैं। इनमें से 11 बेटियां अगस्त में नेशनल चैंपियनशिप जीतने वाली टीम की सदस्य बनीं। इन बेटियों में से एक हैं मंजू राजपूत, जो एक साधारण किसान की बेटी हैं। तीन साल पहले, एक कोच ने मंजू को घर से निकालकर फुटबॉल के मैदान में उतारा और परिवार को समझाकर मंजू को खेल में आगे बढ़ने का मौका दिया। मंजू ने कड़ी मेहनत की और अब वह छोटी सी उम्र में एक बेहतरीन फुटबॉलर बन चुकी हैं।

अब मंजू को जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े फुटबॉल क्लब ने इंटरनेशनल ट्रेनिंग के लिए चुना है। 15 वर्षीय मंजू 7 से 18 फरवरी के बीच जर्मनी जाएगी और वहां 10 दिन की इंटरनेशनल कोच से ट्रेनिंग प्राप्त करेगी। इसके सभी खर्चों का ध्यान रखा गया है, क्योंकि उनके लिए स्पॉन्सर भी निर्धारित कर दिए गए हैं।

स्पॉन्सर की पहल से स्पोर्ट्स टूरिज्म को मिलेगा बल

मंजू ने बताया कि कोच विक्रम सिंह राजवी ने तीन साल पहले यह जिम्मा लिया कि वे गांव की लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे। उन्होंने एक-एक घर से बात की और लड़कियों को बाहर निकाला। आज मंजू और उनकी साथी लड़कियां कड़ी मेहनत कर रही हैं, भले ही रेत में ही क्यों न खेलना पड़े। मंजू ने बताया कि वह रोज़ सुबह 5 से 10:30 बजे तक और फिर दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक अभ्यास करती हैं। उद्योग आयुक्त रोहित गुप्ता का कहना है कि ऐसे टैलेंट की पहचान और उन्हें बढ़ावा देने से स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश में स्पोर्ट्स से जुड़े उद्योगों को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री की पहल से अंतरराष्ट्रीय अवसर मिला

पिछले माह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान के सिलसिले में जर्मनी यात्रा की थी। वहां डीएफबी पोकाल जर्मनी यानी ड्यूटॉर फु-बॉल बंड (जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन) के सीनियर एडवाइजर कौशिक मौलिक से मिले थे। सीएम ने उन्हें जयपुर आने का न्यौता दिया, और इसके बाद जूलिया फार, जो जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े क्लब बोरुसिया डॉर्टमुंड की कोच हैं, जयपुर आईं। उन्होंने इन 14 बेटियों को जयपुर बुलाकर दो दिन की ट्रेनिंग और वर्कशॉप आयोजित की। इस दौरान जूलिया ने मंजू की फुटबॉल तकनीक और टीम स्पिरिट को देखकर निर्णय लिया कि मंजू में अपार संभावनाएं हैं और उसे इंटरनेशनल लेवल पर तैयार किया जा सकता है।

मंजू के खर्च की जिम्मेदारी

मंजू के सलेक्शन के बाद उसके ट्रेनिंग खर्च की जिम्मेदारी उठाने के लिए समस्या सामने आई, जिसे मुख्यमंत्री ने जल्द हल किया। द्वारका ज्वैलर्स के कृष्ण बिहारी गोयल ने तत्काल उसकी पूरी जिम्मेदारी ली। कृष्ण बिहारी के बेटे नवींद्र गोयल ने बताया कि उनका उद्देश्य स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा देना, राजस्थान के एक्सपोर्ट को प्रमोट करना और वुमन एंपावरमेंट के तहत इन बेटियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाना है।

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