नोखा नगरपालिका द्वारा 50.31 लाख रुपए भुगतान बकाया होने का मामला: दिल्ली की कोर्ट ने दिया बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश

नोखा नगरपालिका द्वारा 50.31 लाख रुपए भुगतान बकाया होने का मामला: दिल्ली की कोर्ट ने दिया बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश

नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा। दिल्ली की एक अदालत ने बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश दिया है। यह आदेश एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को 50.31 लाख रुपए का भुगतान न करने के कारण दिया गया है। कोर्ट ने नगर पालिका नाेखा को बार-बार मौके दिए जाने के बावजूद भुगतान नहीं करने पर यह कदम उठाया है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को है। पटियाला हाउस कोर्ट में नाेखा नगर पालिका ने इस साल एक अपील भी दायर की थी, जिसे काेर्ट ने खारिज कर दिया। काेर्ट के जिला न्यायाधीश विद्या प्रकाश ने आदेश पारित करते हुए कहा कि अपील खारिज हाेने के बाद भी एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड काे बकाया भुगतान काे लेकर काेई कार्यवाही नहीं की गई है। अगली सुनवाई पर नगर पालिका के वकील को मौजूद रहने का निर्देश काेर्ट ने दिए हैं। बीकानेर हाउस काे नगर पालिका के स्वामित्व का मानते हुए कुर्की आदेश जारी किए हैं।

कोर्ट ने क्या कहा – काेर्ट ने 18 सितंबर को पारित आदेश में कहा था कि अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहा है। अदालत ने डिक्री धारक (डीएच) की ओर से पेश किए गए तर्कों से सहमति जताते हुए पाया कि देनदार की अचल संपत्ति अर्थात बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने का यह एक उपयुक्त मामला है।

अदालत ने 21 जनवरी 2020 को मध्यस्थता अधिकरण द्वारा पारित आदेश को लागू करने का अनुरोध वाली एक अर्जी पर यह व्यवस्था दी। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत नोखा नगर पालिका संपत्ति को न बेच सकती है न ही उपहार या अन्य तौर पर इसे हस्तांतरित कर सकती है।

ईओ बाेले-बीकानेर हाउस नाेखा पालिका की संपत्ति नहीं

नगर पालिका ईओ अविनाश शर्मा का कहना है कि दिल्ली के पटियाला हाउस काेर्ट ने बीकानेर हाउस काे नाेखा पालिका की संपत्ति माना है, जबकि यह मेरी जानकारी में नहीं है। जहां तक मुझे पता है बीकानेर हाउस पालिका की संपत्ति नहीं है। उन्हाेंने बताया कि 2011 में एसटीपी निर्माण और रखरखाव के लिए दाे टेंडर किए थे। उसका भुगतान हाे गया था।

अमानत राशि के पांच लाख रुपए बकाया थे, जिस पर ऑडिट का पैरा था। उसमें से 3.14 लाख रुपए की वसूली कर शेष राशि का भुगतान 2020 में कर दिया गया था। उसी दाैरान संवेदक ने पटियाला काेर्ट में पालिका के खिलाफ वाद दायर कर दिया। उसी दाैरान पालिका की ओर से काेई जवाब नहीं दिया जा सका और संवेदक के पक्ष में फैसला हाे गया।

“नाेखा नगर पालिका के मामले में बीकानेर हाउस काे कुर्क करने के फैसले की जानकारी मुझे मीडिया से मिली है। काेर्ट के ऑर्डर की प्रति मंगवाकर उसकी समीक्षा की जाएगी। एसटीपी के रख रखाव का मामला था। काेर्ट का मैटर सरकार के संज्ञान में कभी लाया ही नहीं गया। दिल्ली काेर्ट या वकील का नाेटिस भी पालिका काे गया हाेगा। इन सभी मामलाें की विस्तृत जांच करवाकर इसके लिए जिम्मेदार कार्मिकाें के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।”

-झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मिनिस्टर

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