मुकदमे वापस लेने व थानाधिकारी का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर क्षत्रीय सभा बीकानेर ने सौंपा एसडीएम को ज्ञापन
नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। क्षत्रिय सभा बीकानेर ने रामसिंह चरकड़ा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को एसडीएम नोखा के माध्यम से जेएनवीयू जोधपुर के छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी के विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमों को वापस लेने व रातानाडा थानाधिकारी मूल सिंह को विधि विरुद्ध किये गये निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया।nजिसमें रामसिंह ने बताया कि जेएनवीयू जोधपुर के छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंसन से संबंधित न्यायोचित मांगों को उठाने के लिये कर्मचारियों के साथ वाईस चांसलर के सामने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज करवा कर ज्ञापन देने गये थे जो लोकतंत्र में हर भारतीय नागरिक का अधिकार है। विश्विद्यालय द्वारा राजस्थान सरकार के इशारे पर लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करने पर छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी, कर्मचारी नेता मोहनसिंह सहित आधा दर्जन लोगों को राजकार्य में बाधा जैसे दमनकारी झूठे मुक़दमें दर्ज कर पिछले 5 दिनों से जेल में बंद कर रखा है जो लोकतंत्र की हत्या के समान है।nछात्रों की आवाज़ को इस तरह अंग्रेजों की दमनकारी नीति से दबाना भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आप जैसे गांधीवादी मुख्यमंत्री के शासन में कतई उचित नहीं हैं। इस प्रकरण में जोधपुर के रातानाडा थानाधिकारी मूल सिंह भाटी को सिर्फ जातीय द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए निलंबित किया गया है जबकि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा ना तो प्रदर्शन की जानकारी दी गई थी और ना ही इस बाबत जाब्ता मांगा गया था फिर भी उनका विधि विरुद्ध निलबंन कर दिया गया जो उचित नहीं।nnइस बाबत मुख्यमंत्री से छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी सहित सभी छात्रों व कर्मचारियों पर दर्ज झूठे मुक़दमें वापस लेने व रातानाडा थानाधिकारी मूल सिंह भाटी का निलंबन तुरंत रद्द कर उन्हें पुनः पदस्थापित करने हेतु ज्ञापन देकर माँग की गई एंव जल्द इस पर निर्णय नहीं करने पर राज्य स्तर पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई।nnज्ञापन में क्षत्रिय सभा बीकानेर उपाध्यक्ष रामसिंह चरकड़ा, छैलूसिंह रोड़ा, आशुसिंह भाटी करणी सेना सरंक्षक नोखा, महेंद्र सिंह चरकड़ा, एडवोकेट दिलीप सिंह, जयसिंह चाहू, पंकजप्रतापसिंह, हिम्मत दान बीकासर, कैलाश सरस्वत रोड़ा, एडवोकेट भँवर सिंह, टीकमसिंह, देरावरसिंह, किशनसिंह शेखावत, कुलदीपसिंह डाबड़ा, सरपंच सायरसिंह रायसर आदि उपस्थित रहे।