जमीनी विवाद हत्या के मामले में सात साल बाद नोखा एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाया: तीन आरोपियों को दस-दस साल और एक को तीन साल का कारावास

जमीनी विवाद हत्या के मामले में सात साल बाद नोखा एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाया: तीन आरोपियों को दस-दस साल और एक को तीन साल का कारावास

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। जमीनी विवाद में हत्या के मामले में नोखा एडीजे कोर्ट ने तीन आरोपियों को दस-दस साल के कारावास और 50-50 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। वहीं, एक आरोपी को तीन साल की सजा और 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड दिया गया है।

जानकारी के अनुसार दो अगस्त 2007 को परिवादी प्रभूराम ने नोखा थाने में रिपोर्ट दी थी। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और अभियुक्त राधाकिशन, रामस्वरूप और भागीरथ के खिलाफ धारा 302, 307, 323, 325, 147, 148, 149 भादसं. के तहत चार्जशीट प्रस्तुत की। अन्य आरोपी रामकिशोर, जयसुखराम, रामेश्वर, गंगाजल और मदनलाल के संबंध में धारा 173 (8) दप्रसं. के तहत जांच लंबित रखी गई।

एडीजे मुकेश कुमार ने अभियुक्त राधाकिशन, रामस्वरूप और भागीरथ को धारा 302, 307, 323, 341, 325, 147, 148, 149 भादसं. के तहत दोषी ठहराया और प्रत्येक को दस-दस साल की सजा और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं, अभियुक्त मदनलाल को आयुध अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड दिया।

ये था मामला

दो अगस्त 2007 को घट्ट निवासी प्रभूराम पुत्र रामरख बिश्नोई ने नोखा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, प्रार्थी और राधाकिशन के बीच एक भूखंड के रास्ते को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। 5 बजे प्रभूराम और उसके भाई ताराचंद तथा भाभी धूड़ी अपने खेत जा रहे थे, तभी रुपाराम के खेत में राधाकिशन ने बोलेरो में सवार होकर उन्हें रोक लिया। बाद में राधाकिशन, रामकिशोर, जयसुखराम, रामेश्वर, भागीरथ, गंगाजल, पप्पूराम, मुन्नीराम और मदनलाल आरोपियों के साथ मिलकर प्रभूराम और उसके परिवार पर जानलेवा हमला किया। इस दौरान ताराचंद की मौत हो गई।

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