मजदूर दिवस; श्रमिकों को किया जागरूक, स्कूल में श्रम कानून व अधिकार चेतना कार्यक्रम का आयोजन
नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। ‘दुनिया में मजदूर ही ऐसा होता है जो आपके सपनों को साकार करने के लिए अपना पसीना बहाता है।’ ये विचार नोखा तहसील के कक्कू गांव के पूर्व सरपंच और जिला परिषद सदस्य भूपेन्द्रसिंह ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जन शिक्षण संस्थान बीकानेर की ओर से 1 मई श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रम कानून और अधिकार चेतना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुवे रखे। भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि 19वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिक संघ आंदोलन में मजदूर दिवस की शुरूआत हुई। इसके बाद यह एक वार्षिक आयोजन बन गया और 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। उन्होंने ने कहा कि जब हम विद्या प्राप्त कर लेते हैं तो हमें धन और शक्ति दोनों की प्राप्ति स्वतः ही हो जाती है। इसलिए हमें अपनी विद्या और अपने हुनर में विशिष्ट बनना चाहिए। जन शिक्षण संस्थान बीकानेर के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने कहा कि 14 जुलाई, 1889 को यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों की पहली अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित किए जाने के बाद मई दिवस पहली बार 1 मई, 1890 को मनाया गया था। यूरोप में 1 मई को ऐतिहासिक रूप से ग्रामीण पारंपरिक किसान त्योहारों से जोड़ा गया है, लेकिन बाद में मई दिवस आधुनिक श्रमिक आंदोलन से जुड़ गया।nnआयोजन के प्रथम सत्र में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विद्यालय की बालिकाओं के लिए आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम दुर्गा, द्वितीय इन्द्रा घंटियाल और तृतीय गोमती तथा सांत्वना पुरस्कार कोमल जयपाल को दिया गया। वहीं मेहन्दी प्रतियोगिता में प्रथम अनिता, द्वितीय गीता और तृतीय सुंदर तथा सांत्वना भभूती को दिया गया। आगंतुक अतिथियों द्वारा विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। आयोजन के अंत में जन शिक्षण संस्थान के सहायक कार्यक्रम अधिकारी उमाशंकर आचार्य ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा जिले में कौशल विकास के केन्द्र संचालित किये जाते है इस सत्रा में जल्द ही कौशल विकास केन्द्र आरंभ किये जायेंगे। कार्यक्रम में सरोज भवाल, अंकिता पारीक, सरोज बाला आदि ने व्यवस्था संभाली।nnउरमूल ज्योति संस्थान नोखा द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष नोखा में मजदूरों के साथ अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जिसमें 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया। संस्थान के भंवरलाल ने बताया कि मजदूरों को सम्मान मिलने के उद्देश्य से हर साल की 1 मई का दिन मजदूरों को समर्पित होता है। मजदूर दिवस का दिन ना कि केवल मजदूरों को सम्मान देने के लिए होता है, बल्कि इस दिन मजदूरों को हक के प्रति आवाज उठाई जाती है। जिससे मजदूरों को समान अधिकार मिल सके। हेमाराम ने सरकार द्वारा मजदूरों के हितों के लिए बनाई गई विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी दी। मोहनलाल ने मजूरां थे भी करो विचार तथा मजदूरा रो आयो रे दड़िदों आदि जागृति गीतों के माध्यम से जानकारी दी। रावतराम ने मजदूरों के लिए बनाए गये महा नरेगा कानून, राशन, पेंशन के बारे में बताया। मजदूरों की बैठक में जोगाराम, परमाराम, शंकरलाल आदि ने भी अपने विचार रखे। उरमूल ज्योति संस्थान के सचिव चेतनराम गोदार ने मजदूरों की एकत, आपसी सहयोग, अपना हक पाने के लिए ब्लॉक स्तर पर मजदूर युनियन बनाने का सुझाव दिया तथा आज भाग लेने वाले सभी 125 मजदूरों कोधूप से बचाव के लिए तोलिए वितरण किए।