रामकथा आंसुओं, त्याग, समर्पण और प्रेम की कथा है- भंवरदास महाराज

नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। नोखा के वार्ड नंबर 24 में चल रही श्रीराम कथा के आठवे दिन बुधवार को रोड़ा के महंत श्री 1008 भंवरदास महाराज ने कई मार्मिक प्रसंग सुनाये। महाराज ने कहा कि किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए। उनके मुख से जो भी शब्द निकल जाए उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामकथा आंसुओं, त्याग, समर्पण और प्रेम की कथा है। व्यक्ति को अमीरी और गरीबी दोनों में ही भगवान का स्मरण बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान ने मनुष्य को शरीर केवल कल्याण के दिया है और हमने भी उसको लिया है। यह लेना-देना तभी सफल होगा जबकि हम परमात्मा के बताए रास्ते पर चलेंगे। संयम, सदाचार का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि संयम और सदाचार का पालन करने वाले व्यक्ति के पास सुख-समृद्धि बिना प्रयास के ही आ जाती है। पुखराज सुथार ने बताया कि कथा में खेड़ापा जोधपुर के रामस्नैही आचार्यपीठ के उतराधिकारी गोविंदराम शास्त्री ने विचार रखें। कथा के दौरान नोखा नगरपालिका अध्यक्ष नारायण झँवर का आयोजकों के द्वारा अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद शिवनारायण झंवर, रोड़ा के पुर्व सरपंच मनीराम बिश्नोई, भोमसिंह, हजारीराम बिश्नोई, धुड़चंद सारस्वत, केशुराम सुथार नागपुर, नागालैंड से बसंत अग्रवाल, हैदराबाद से जालुराम धामु आदि भी उपस्थित रहे।

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