दलित युवती गैंगरेप, पुलिस संग रहने का फायदा उठा रहा:आरोपी का फोन बंद: आखिरी लोकेशन भी छह दिन पुरानी
नोखाा टाईम्स न्यूज, नोखा।।बीकानेर के खाजूवाला में दलित युवती के साथ गैंगरेप और फिर हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त करीब एक सप्ताह बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। दरअसल, अभियुक्त पुलिसकर्मियों के साथ ही दिन गुजारता था। ऐसे में उसे पुलिस से बचने के तरीके भी पता है। न तो उसकी लाइव लोकेशन पुलिस को मिल रही है। न ही उसने परिजनों से संपर्क किया है। ऐसे में घटना के छह दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है।n
दरअसल, घटना वाले दिन 19 जून की दोपहर बारह बजे के बाद भी आरोपी दिनेश बिश्नोई का मोबाइल ऑन था। दलित युवती की मौत के बाद उसे समझ आ गया कि अब खाजूवाला में रहना उसके लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में उसने तुरंत खाजूवाला छोड़ दिया। करीब दो-तीन घंटे तक उसका मोबाइल ऑन रहा, लेकिन बाद में बंद हो गया। सूत्रों की माने तो अब तक की जांच में सामने आया कि वो बीकानेर शहर से होकर निकला था, लेकिन इसके बाद मोबाइल ऑफ हो गया। उसकी अंतिम लोकेशन भी करीब छह दिन पुरानी है। ऐसे में अब इस लोकेशन के आधार पर वो पकड़ में नहीं आ रहा।
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इसीलिए बढ़ रही पुरस्कार राशि
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दिनेश बिश्नोई पुलिस के हाथ नहीं लग रहा। यहां तक कि कोई लिंक भी पुलिस के हाथ नहीं लग रहा है। इसीलिए आईजी बीकानेर ने ईनामी राशि बढ़ाई गई है। पहले तो पच्चीस हजार का पुरस्कार रखा गया। इसके बाद भी कोई इनपुट नहीं मिला तो इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया। इसके बाद भी कोई इनपुट पुलिस के हाथ नहीं आया।
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पिता पर भगाने का आरोप
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उधर, पुलिस ने दिनेश बिश्नोई के पिता ओम प्रकाश को हिरासत में ले रखा है। सोचा कि पिता के कारण दबाव में आकर दिनेश आत्मसमर्पण कर देगा। ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आरोप है कि दिनेश को भगाने में उसका योगदान रहा है। उसे अदालत में पेश करके रिमांड भी लिया गया है। हालांकि इससे भी पुलिस को कोई इनपुट नहीं मिल पाया।
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पुलिस के साथ रहने का उठा रहा फायदा
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दिनेश खाजूवाला पुलिस थाने में आता जाता था। उसे पता है कि किसी अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस किस तरह के हथकंडे अपनाती है। ऐसे में उसने हर तरह से खुद को बचाकर रखा है। वो न सिर्फ अपने बल्कि किसी अन्य मोबाइल या लैंडलाइन फोन से भी परिजनों से संपर्क नहीं कर रहा है। हालांकि पुलिस को उसकी एक चूक का इंतजार है। फिलहाल पुलिस मौन