पर्यावरण चेतना व पौध वितरण यात्रा: सिंजगुरु व सूरपुरा में पौधारोपण, पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने किया संबोधित

नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। जीवन मे इंसान जन्म से महान नही होता, इंसान अपने कर्मों से महान बनता हैं। हमारे देश की पुरानी परंपरा रही है कि हम जीवन मे अच्छे कर्म करके ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह विचार मुख्यअतिथि पर्यावरणविद, पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने बुधवार को रघुकुल फाउंडेशन व नीलांश एग्रो इंडस्ट्रीज चरकड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण चेतना व पौध वितरण यात्रा के दौरान मंगलवार को नोखा ब्लॉक के ग्राम सिंजगुरु व सूरपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के समारोह में रखे। आज आयोजित कार्यक्रमों में ग्राम सिंजगुरु व सूरपुरा में एक हजार पौधे पेड़ बनाने का संकल्प दिलवाकर निःशुल्क वितरित किये। इस अवसर पर पद्मश्री भाम्भू ने पर्यावरण चेतना पर उपस्थित जनमानस व विद्यार्थियों के साथ ‘भाया पेड़ा ने मत काटो रे…. जो कोई काटे पेड़ उन्हें सब मिलकर डांटो रे… गीत गाकर मन्त्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर ग्राम सिंजगुरु व 400 पौधे व ग्राम सूरपुरा में 600 पौधे वितरित किये। रघुकुल फाउंडेशन के पूर्णसिंह राठौड़ द्वारा पिछले कई सालों से 20000 पौधे वितरण किये जा चुके हैं। भामाशाह रामसिंह राठौड़ ने कहा कि पेड़ो की सेवा सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है।nn

नोखा के सुरपूरा में पोधारोपरण करते हुए
nnसमारोह में समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी रूपाराम जाखड़ ने एक व्यक्ति, एक पेड़ का संकल्प दिलवाकर, जन्मदिन आदि समारोह में हर व्यक्ति को एक पेड़ लगाकर खुशी मनाने का आह्वान किया। सिंजगुरु सरपंच अजीतसिंह मेड़तिया, समाजसेवी हसन खान, दिलीपसिंह, भैरोसिंह मोरखाना, शाला प्राचार्य जयपालसिंह शेखावत, धनराज विश्नोई आदि ने सम्बोधित किया। इसी तरह ग्राम पंचायत सूरपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पौधारोपण किया गया व सभी छात्र छात्राओं व ग्रामीणों को पौधे वितरण किये गए। जिसमें पद्मश्री हिम्मताराम भांभू, भामाशाह रामसिंह राठौड़ पीपासर, रूपाराम जाखड़, लक्ष्मण सिंह, गणेशाराम भाकर, प्रधानाचार्य सुशीला गोदारा, मंच संचालक हनुमानराम गोदारा, रेखाराम भाम्भू, लालाराम भाम्भू, रामचंद्र भाम्भू, कैलाश भाम्भू, एसडीएमसी अध्यक्ष जेठाराम सिंवर, ग्राम सूरपुरा के सरपंच भंवरलाल सोखल, पूर्व उपसरपंच प्रह्लादराम भाम्भू, रेवंतराम, रामचंद्र गोदारा, चुनाराम खाती, डॉ ओमप्रकाश कुमावत आदि ने सम्बोधित किया।

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