नोखा का एक और पुलिस अधिकारी हुआ सस्पेंड :- बीकानेर एसपी ने जारी किए आदेश

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। थानों में नियुक्त पुलिस अधिकारियों की गैर कानूनी कामों में संलिप्तता या ड्यूटी के प्रति लापरवाही अब किसी भी सूरत में नहीं चलेगी’। यह मैसेज कहा जा सकता है बीकानेर में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बेहिचक हो रही सख्त कार्रवाई देखकर। इस कार्रवाई का एक उदाहरण गुरूवार को नोखा में देखने को मिला। यहां नियुक्त एएसआई रामावतार को एसपी तेजस्विनी गौतम ने सस्पेंड कर दिया।nnरामावतार के खिलाफ शराब ठेकेदार से मिलीभगत की एक शिकायत थी। शिकायत गंभीर होने के साथ ही प्राथमिक तौर पर आरोपों में दम भी लगा। मामला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम के पास पहुंचा। उन्होंने एएसआई को सस्पेंड कर दिया। पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी ग्रामीण को सौंपी गई है। इससे पहले इसी थाने के प्रशिक्षु एएसआई रमेश को आईजी ने सस्पेंड किया था। एक दहेज पीड़िता की रिपोर्ट में समुचित धाराएं नहीं लगाने और जांच में लापरवाही बरतने के आरोप पर उन्हें सस्पेंड किया गया था।nn nnचार मामले जो जनता से जुड़े थे, लापरवाही बरती, सस्पेंड हुए:nnएक : श्रीडूंगरगढ में ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने पर आईजी ने एक एएसआई को सस्पेंड किया।nnदो : कोटगेट थाना इलाके में एक युवक की मौत के मामले में चोटें होने और हत्या की आशंका के बावजूद मर्ग दर्ज की।nnमामला हत्या का निकला। चार गिरफ्तार।nnतीन : नोखा थाने में दहेज प्रताड़ना की पीड़िता के मामले मंे चोटें-फ्रेक्चर होने के बाद भी उचित धाराएं और इन चोटों का उल्लेख नहीं किया। आईजी ने किया सस्पेंड।nnचार : नोखा थाने के एएसआई की शराब ठेकेदार से मिलीभगत की शिकायत सामने आई प्राथमिक जांच के बाद एसपी ने किया सस्पेंड।nnइसलिए ज्यादा अलर्ट अधिकारी : दरअसल अब तक एसपी-आईजी जैसे अधिकारी सर्किल के सीओ, थानाधिकारी आदि की रिपोर्ट पर पूरी तरह भरोसा करते रहे थे। बीते दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए जिनमें अधिकारियों की लापरवाही या अपराधियों से मिलीभगत पूरी तरह स्पष्ट दिख रही थी लेकिन इसे छिपाया गया।nnखाजूवाला से ली नसीहत : ऐसा ही मामला खाजूवाला थाने में सामने आया। यहां एक दलित युवती की मौत के बाद गैंगरेप-मर्डर के आरोप लगे। इस मामले में जांच चल रही है लेकिन जांच में यह सामने आ गया कि पुलिसकर्मियों से लेकर थानाधिकारियों तक की अपराधियों या आरोपियों के साथी दिन-रात की उठ-बैठ हैं। ऐसे में पुलिस की गलत छवि समाज में जा रही है। इसी को देखते हुए अब आईजी और एसपी दोनों ही पुलिस की छवि से जुड़े किसी मामले को हलके में नहीं ले रहे।

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