संत दुलाराम कुलरिया की पुण्यतिथि पर बही भक्ति संगीत की धारा, संत-महात्मा, अधिकारी-समाजसेवी पहुंचे
नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। ब्रह्मलीन गौसेवी संत दुलाराम कुलरिया की आठवीं पुण्यतिथि पर नोखा के कुलरिया परिवार ने भक्ति भजन संध्या का आयोजन किया। भक्ति भजन संध्या में बही भजनों की स्वर लहरियां। सींथल पीठाधीश्वर महंत स्वामी क्षमाराम महाराज ने सिलवा मूलवास में आयोजित सत्संग समारोह में कहा कि मानव जीवन बार-बार नहीं मिलता। इसके लिए कितने ही जन्म लेने पड़ते हैं। तब जाकर यह मानव जीवन हमें मिलता है। व्यक्ति को हमेशा मृत्यु व भगवान को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन संत दुलाराम जी कुलरिया ने अपने परिवार को ऐसी शिक्षा दी कि वह हमेशा याद रखे जाएंगे।nnnnआज उनके तीनों पुत्र भंवर, नरसी, पूनम उनके बताए मार्ग पर चलकर सनातन धर्म, गौसेवा, बालिका शिक्षा, व चिकित्सा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। जो अविस्मरणीय हैं। उन्होंने कहा कि आज इस परिवार का हुनर पूरे भारत में ही नहीं भारत के बाहर भी पहचाना जाता है। नरसी परिवार की कंपनी ने संसद भवन के निर्माण में जो योगदान दिया वह इतिहास बन गया। उन्होंने कहा कि इन्होंने पैसा कमाने के लिए यह कार्य नहीं किया अपने गांव का हुनर दिखाया व राष्ट्रीयता की भावना से काम किया।nnnnइस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वी गौतम ने भी ब्रह्मलीन गौसेवी संत दुलाराम जी कुलरिया के तेल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। पुलिस अधीक्षक गौतम कहा कि आज की युवा पीढ़ी को उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर सेवा करनी चाहिए।nnइस अवसर पर कुलरिया परिवार के उगमाराम, मगाराम, भंवर-नरसी-पूनम, कानाराम-शंकर-धर्मचंद, चीमाराम, दीपक ने पुष्पांजलि अर्पित कर सभी का आभार जताया। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, नोखा पालिकाध्यक्ष नारायण झंवर, नोखा सीओ संजय बोथरा, सीआई आलोक सिंह, रमेश शर्मा, साहबराम, पुरखाराम नागल, गणेशराम नागल, महामंडलेश्वर सरजू नाथ, प्रभुप्रेमी कन्हैयालाल पालीवाल, नंदकिशोर सुथार, लेखराम, हरखचंद बागड़ी, धुड़सिंह, सोहन सिंह, पिथदान, संजय हर्षवाल, आलोक, हीरालाल माकड़, अमराराम चुयल, देवाराम चुयल, चंपालाल बुढ़ल, रामलाल बम्बलू, तुलसीराम, कानाराम कुलरिया, ओमप्रकाश धामू, भोमराज सुथार, एकताफ़ोर्स टीम सहित नोखा निवासी उपस्थित रहे। भजन की प्रस्तुतियां शिवजी कलाकार, गायक संत सुखदेव महाराज, महाराज प्रेमानंद पाली, बालसंत छैलबिहारी, खटमल सेन, रामपाल महारा और कार्यक्रम का संचालन तिलोक सुथार ने किया।