जम्मू-कश्मीर में जवान की मौत, बीकानेर में हंगामा: जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया सुसाइड; परिवार शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़ा
नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के अनंतनाग में तैनात बीकानेर के जवान की मौत पर हंगामा हो गया है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी की ओर से जवान के सुसाइड करने की बात कहने पर परिवार और ग्रामीणों ने आज बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया।
परिवार ने जवान को शहीद का दर्जा देने, जिला सैनिक अधिकारी कर्नल यश राठौड़ को सस्पेंड करने की मांग करते हुए शव लेने से मना कर दिया। इससे पहले शव बीकानेर आर्मी कैंट से पांचू के लिए रवाना कर दिया गया था, लेकिन विरोध के बाद वापस कैंट ले जाया गया।
बीकानेर के पांचू में रहने वाले जवान रामस्वरूप कस्वां (24) की बुधवार को अनंतनाग में मौत होने की बात सामने आई थी। प्रारंभिक तौर पर सामने आया था कि ऑन ड्यूटी फायरिंग के दौरान मौत हो गई, जिसे बाद में सुसाइड बताया गया।
सेना स्मारक पर लेकर नहीं आई शव
जवान का शव गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे चंद्र चौधरी स्मारक पर लाना था। जहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम था, लेकिन मिलिट्री की गाड़ी से शव को सीधे पांचू के लिए रवाना कर दिया गया। सरपंच प्रतिनिधि पप्पू सियाग ने रोकने की भी कोशिश की, लेकिन आर्मी ने नहीं रोका। सियाग ने जैसे-तैसे ट्रक को रुकवाया। बड़ी संख्या में दूसरे लोग भी पहुंचे और ट्रक को वापस आर्मी कैंट के लिए रवाना कर दिया गया।
पिता बोले- सुसाइड कैसे करार दे दिया?
जवान के पिता और भाई श्रीराम कस्वां सहित ग्रामीण कैप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर विरोध करने पहुंच गए। बोले- कस्वां को शहीद का दर्जा देने के बजाय ये कहा गया कि उसने सुसाइड किया है। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी से पहले ही जिला सैनिक अधिकारी ने मौत को सुसाइड कैसे करार दे दिया? देखते ही देखते म्यूजियम सर्किल के पास स्थित इस स्मारक पर काफी भीड़ एकत्र हो गई।
नोखा विधायक सुशीला डूडी और श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारी महिया, कांग्रेस नेता शिवलाल गोदारा भी पहुंच गए। परिवार ने कहा कि जब तक शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा और खुदकुशी बताने वाले जिला सैनिक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव नहीं लिया जाएगा।
बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे जाम
लोगों ने म्यूजियम सर्किल के पास नेशनल हाईवे जाम कर दिया। बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। पुलिस ने जिला परिषद के पास से वाहनों को डायवर्ट किया।
वार्ता में नहीं बनी बात
ग्रामीणों से बात करने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) रमेश देव, एसडीएम किरण गोदारा, अतिरिक्त पुलिस अधिकारी (एएसपी) प्यारेलाल शिवरान मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से बात कर समझाइश का प्रयास किया, लेकिन लोग शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़े रहे।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया सुसाइड
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यश राठौड़ ने बुधवार को बताया था कि जवान की मौत फिजिकल कैजुअल्टी है। सिर में गोली लगी है, जिसकी जांच की जा रही है। इससे पहले सूचना आई थी कि वे पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए हैं, लेकिन बाद में सेना के अधिकारियों ने बताया कि उनकी गोली लगने से मौत हुई है।