धर्म और संस्कार ही मानव जीवन का आधार है: डॉ.मधु बिश्नोई; संस्कृति सेवाधाम में आज हुआ महायज्ञ का आयोजन

धर्म और संस्कार ही मानव जीवन का आधार है: डॉ.मधु बिश्नोई; संस्कृति सेवाधाम में आज हुआ महायज्ञ का आयोजन

 नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखे।। मुकाम के संस्कृति सेवाधाम में आयोजित जांभाणी हरिकथा में डॉ. मधु बिश्नोई ने धर्म के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि जीवन जीने का एकमात्र आधार धर्म ही है क्योंकि बिना धार्मिकता के मनुष्य पशु समान होता है। धर्म हमें सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाता है, और यही कारण है कि इसे जीवन का आधार माना जाता है।

बिश्नोई समाज में गुरु जम्भेश्वर भगवान ने 29 नियमों की आचार संहिता के साथ साथ चार प्रकार के संस्कारों की परंपरा प्रारंभ की। इन संस्कारों का उद्देश्य जीवन को सुव्यवस्थित ढंग से व्यतीत करना है।

पांच दिवसीय हरिकथा महोत्सव के साथ साथ सेवाधाम में डा मधु बिश्नोई के सान्निध्य में स्वाध्याय शिविर का भी संचालन किया जा रहा है जिसमें योग, प्राणायाम, यज्ञ, संस्कार और संध्या वंदन जैसे सत्र संचालित किए जा रहे हैं। स्वाध्याय शिविर में सुबह डॉ. मांगेराम द्वारा योग प्राणायाम का सत्र संचालित किया जा रहा है। सोमवार को जागरण हुआ। आज महायज्ञ और महाप्रसादी के साथ समापन होगा। सेवाधाम के नवनिर्मित मुख्य द्वार का लोकार्पण भी समापन के अवसर पर किया जाएगा जिसमें समाज के समस्त पदाधिकारी और संतवृंद उपस्थित रहेंगे।

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