नोखा में श्रीमद्भागवत कथा का पंचम दिवस: श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव व बाल लीलाओं का वर्णन
नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। नोखा कस्बे के रोड़ा रोड़ पंचारिया ट्यूबवेल के पीछे महर्षि गौतम नगर कान्हा महाराज की खेड़ी मे दिव्य भागवत कथा का आयोजन 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक तक दोपहर 12.30 बजे से सांय 4.30 बजे तक नोखा के विद्यवान पंडित कन्हैयालाल जेठीदेवी पंचारिया की ओर से आयोजन किया जा रहा हे। भागवत कथा श्रवण करने के लिए दूर दूर श्रद्धालु आ रहे हैं और धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस कि कथा में भगवान के बाल लीलाओ का वर्णन करते हुए महामंडलेश्वर आचार्य बजरंगदास महाराज श्रीबालाजी सेवाधाम ने भगवान श्रीराम व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव आदि प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि एक ने वनवास में रहकर उत्तर से दक्षिण तक पूरे देश को जोड़ा तो एक ने भागवद गीता के रूप में संसार के सार को समझाया। उन्होंने कहा कि जिस घर में तुलसी है, वह घर स्वर्ग है। राम व कृष्ण जन्म के प्रसंग के साथ नंदोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग के साथ ही पूरा पाण्डाल नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की.. के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। इस दौरान महिलाये व्यास पीठ के आगे आकर झूमने नाचने लगी । श्रीकृष्ण का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान को माखन इसलिए अच्छा लगता हैं क्यूकि माखन भक्त का प्रतीक है। उन्होंने कथा में प्रवचन में समुन्द्र में कालीय नाग कि कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कालीय नाग बृज में समुन्द्र में रहता था कोई समुन्द्र में जाता तो उससे वह मार देता थाम श्री कृष्ण का जन्म क्षत्रिय कुल में राजा यदु कुल के वंश में हुआ था। भागवत भूषण ने कृष्ण के जीवन गाथा का विस्तार पूर्वक विवरण कर संगतों को कृष्ण के जीवन लीला के बारे में बताया। श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। महाराज ने कहा की भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है इसलिए व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा को आवश्यक महत्व देना चाहिए। भागवत कथा से बडा कोई सत्य नहीं है। भागवत कथा अमृत है इसके श्रवण करने से मनुष्य अमर हो जाता है। यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है। भागवत कथा श्रवण करने के लिए दूर दूर श्रद्धालु आ रहे हैं और धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। इस दौरान कथा में सत्यनारायण, भाजपा नेता आसकरण भटड़, मुरलीधर, भूराराम, जयकिशन, ताराचन्द, प्रदीप, पंकज, मनोज, सुनील, पार्षद प्रमोद पंचारिया, विनोद, केशरीचंद तापड़िया, ओमप्रकाश चितलंगिया, जमनालाल भट्टड़, नारायण सिंह राजपुरोहित, पंडित श्रीनिवास सारस्वत, मुन्नीलाल सुथार, नंदकिशोर आसदेव, हेमंत जोशी, पुखराज पंचारिया, कैलाश कठातला, सीए अजय पंचारिया, एडवोकेट राजेश पंचारिया, लालचन्द सहित धर्म प्रेमी लोग मौजद रहे।