तेरापंथ भवन जोरावरपुरा में प्रवचन कार्यक्रमः मुनि कमल कुमार बोले-कषाय और व्यसन मुक्त जीवन से ही व्यक्तित्व का विकास संभव है

तेरापंथ भवन जोरावरपुरा में प्रवचन कार्यक्रमः मुनि कमल कुमार बोले-कषाय और व्यसन मुक्त जीवन से ही व्यक्तित्व का विकास संभव है

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। कषाय और व्यसन मुक्त जीवन से ही व्यक्तित्व का विकास संभव है। ये विचार आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनि कमल कुमार के जोरावरपुरा तेरापंथ भवन में प्रवचन कार्यक्रम में रखें।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में विकास करने के लिए कषाय मुक्त जीवन जीना चाहिए। लोभ, मान, माया, क्रोध, राग, द्वेष आदि को परित्याग से साथ जीवन जीना चाहिए और इसके साथ साथ व्यसन मुक्त जीवन जीना चाहिए। आजकल की युवा पीढ़ी कुछ नशे की और ज्यादा आकर्षित हो रही है। अनेक प्रकार के नशे की लत से ग्रसित है। अपने जीवन में कुछ बनाना है, कुछ करना है तो दृढ़ संकल्प के साथ नशे की प्रवृति का छोड़ना होगा और अपने व्यक्तित्व विकास का मार्ग का चयन करना होगा।

व्यक्तित्व विकास के लिए व्यक्ति अपने अवगुणों को छोड़ना होगा, सतपुरूष बनने का लक्ष्य रखे। अवगुण कंकड़, पत्थर के समान होते है। अपनी कमी को देखते जाओ और विनम्रता का भाव रखते रहना चाहिए। व्यक्ति जब विनम्रता को अपने जीवन में उतार लेता है और अपने घर में बड़े बुजुर्गों का मान सम्मान हो तो उसके परिवार मैं सुख, शांति और आनंद की गंगा बहती है। व्यक्ति के नम्रता और विनम्रता से व्यक्ति के जीवन में उसके विचार, व्यवहार और उसका परिवार में सब कुछ कुशल मंगल चलता है। महिला मंडल मंत्री मोनिका बुच्चा और सुशील भूरा ने भी कैसे हो व्यक्तित्व विकास के बारे में अपने भाव रखे।

मुनिश्री ने कहा कि मौसम की अनुकूलता को देखते देखकर जोरावरपुरा से बुधवार को सुबह बिहार करके नोखागांव में फिर नोखागांव अपना घर आश्रम में प्रभु जी को भी मंगल उद्बोधन देने के बाद रासीसर विराजेंगे का भाव है। तेरापंथ महासभा द्वारा संगठन यात्रा के अंतर्गत महासभा पदाधिकारी महासभा उपाध्यक्ष संजय, आंचलिक प्रभारी राजेश बांठिया और श्रेत्रीय प्रभारी भेरूदान सेठिया द्वारा स्थानीय सभा की गतिविधि की जानकारी की गई और महासभा द्वारा चलाई जा रही आयामों की विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर सभा मंत्री शांतिलाल बैद, भीखमचंद मरोठी, दुलीचंद मरोठी, माणकचन्द महनोत, निर्मल बुच्चा, सुनील सुराणा, सुरेंद्र बुच्चा, प्रकाशचंद बुच्चा, इंद्रचंद बुच्चा मौजूद रहे।

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