DEO पेपर पर छापे 500-2000 के नोट, सभी के खाते सीज: ऑनलाइन सीखकर नॉर्मल प्रिंटर से ही छाप डाले 2.74 करोड़ रुपए
नोखा टाइम्स न्यूज़, बीकानेर।। बीकानेर में एक साल से चल रही नकली नोट छापने की फैक्ट्री देखकर पुलिस भी हैरान है। 2 करोड़ 74 लाख की रकम किसी बड़ी मशीन से नहीं, बल्कि सामान्य इंक जेट प्रिंटर से छापे जा रहे थे। जिस कागज पर नोट छापे गए वो भी सामान्य ही है। आसानी से बाजार में मिल जाता है। इन लोगों ने ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से नकली नोट छापने का काम सीखा। अब पुलिस इस सॉफ्टवेयर का पता लगाने में जुटी है।n
IG ओम प्रकाश पासवान ने बताया कि सुरपुरा निवासी चंपालाल उर्फ नवीन नकली नोट छापने के गिरोह को मास्टर मांइड है। उसी ने छपाई के सारे सामान की तैयारी की थी। वृंदावन एन्क्लेव स्थित एक मकान में इंक जेट प्रिंटर से ये काम हो रहा था। महज बीस से तीस हजार रुपए के इंक जेट प्रिंटर पर छपाई हुई।
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पुलिस ने एपसॉन कंपनी का एक प्रिंटर भी जब्त किया है। बताया जा रहा है कि कागज भी DEO पेपर (आला अधिकारियों के अर्द्ध शासकीय पत्र वाला कागज) काम में लिया गया। बाजार में महज पचास पैसे से एक रुपए प्रति A4 साइज का पेपर मिलता है। ये गैंग बीकानेर के बजाय दिल्ली से कागज खरीद कर लाती थी। इसी पर 500-2000 के नोट छापे जा रहे थे। ऐसे कागज के पैकेट्स भी पुलिस ने बरामद किए हैं।
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छपाई के लिए सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली
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आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से नकली नोट छापने का काम होता था। ये सॉफ्टवेयर कौन सा था? कहां से खरीदा गया? पुलिस जांच कर रही है। चंपालाल उर्फ नवीन ने इस सॉफ्टवेयर को चलाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली थी। गैंग के अन्य सदस्यों को भी वृंदावन एन्क्लेव में स्थित मकान में ट्रेनिंग दी गई थी।
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चेक लेकर देते थे नकली नोट
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दिलचस्प है कि नकली नोट बनाने वाली इस गैंग को दूसरे से नगद रुपए लेने पर विश्वास नहीं था। ऐसे में बड़े मामलों में चेक लेकर ही नोट दिए जाते थे। पिछले दिनों साठ लाख रुपए कोलकाता भेजे जाने थे, जिसका चेक गैंग को मिल चुका था। ये राशि इनके बैंक खाते में जाते थे।
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बैंक खाते सीज
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पुलिस ने आरोपियों के सभी बैंक खाते सीज कर दिए हैं, जिससे लेनदेन करने वाले अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। जिन लोगों ने बड़ी राशि इन खातों में दी है, उनसे भी अब पूछताछ की जाएगी। अब तक एक चेक पुलिस के हाथ लगा है।
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अब तक ये गिरफ्तार
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रविकांत जाखड़, नरेंद्र शर्मा, मालचंद शर्मा, राकेश शर्मा, चंपालाल शर्मा उर्फ नवीन, पूनमचंद शर्मा को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि दीपक रैगर, केसराराम और एक अन्य को हरियाणा के करनाल में हिरासत में लिया गया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दल करनाल पहुंच चुका है।
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कानून में इतनी सजा का प्रावधान
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नकली नोट छापने के मामले में पुलिस भारतीय दंड संहिता की धारा 489 सी लगाती है तो आरोपियों को सात से दस साल या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। इस मामले में थाना स्तर पर जमानत नहीं हो सकती। सेशन न्यायालय के जज ही केस की सुनवाई करते हैं।