पटवारियों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन:-किसान गिरदावरी एप में संशोधन करने की मांग

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।।राजस्थान पटवार संघ ने किसान गिरदावरी एप में संशोधन करने की मांग की है। पटवारियों ने उपखंड अधिकारी रमेश देव को भू प्रबंधन आयुक्त जयपुर के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें किसान गिरदावरी एप में संशोधन करने की मांग की गई।n
पटवारियों ने बताया जरूरी है संशोधन पटवारियों ने बताया कि किसान मोबाइल गिरदावरी ऐप में पटवार लॉग इन के बिंदु संख्या 5.4 में गिरदावरी के समय किसान का जन आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी द्वारा प्रमाणित कर उसे किसान की खसरा नंबर की गिरदावरी दर्ज करने का विकल्प प्राप्त होगा। गिरदावरी के समय मौके पर समस्त किसानों का मिलना संभव नहीं है एवं ना ही किसानों के पास मौके पर जन आधार कार्ड उपलब्ध होगा। साथ ही अन्य राज्यों के किसानों का जन आधार बना हुआ नहीं होगा। इस कारण से जन आधार के विकल्प को समाप्त किया जाए। एप में संयुक्त खातेदार कि अपने हिस्से तक की आंशिक गिरदावरी करने का प्रावधान किया गया है। राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत संयुक्त खातेदारी भूमि में प्रत्येक काश्तकार का प्रत्येक इंच पर हक ईशा होता है आंशिक गिरदावरी में हिस्सा अनुसार काश्तकार की गिरदावरी होने से प्रत्येक से खातेदार की अलग-अलग गिरदावरी दर्ज करनी होगी। ऐसी स्थिति में खातेदारों के मध्य भू स्वामित्व संबंधी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। जिसे राजस्व न्यायालय सिविल न्यायालय में अत्यधिक वाद की बढ़ोतरी होगी।
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इस प्रकार से खातेदार की एक ही खसरे में अलग-अलग गिरदावरी दर्ज करना नियमों के भी विपरीत होने के साथ वाद विवाद को बढ़ावा मिलेगा। आंशिक गिरदावरी का प्रावधान समाप्त कर एक ही खसरे की पूर्ण गिरदावरी के प्रावधान किया जाए। पटवारियों ने बताया कि किसानों द्वारा अपने खेतों की आवारा व जंगली पशुओं से सुरक्षा हेतु कंटीलें एवं करंट युक्त तारों से तार बंदी कर रखी है। कई खसरा का क्षेत्रफल सैकड़ों बीघा होता है, तो कई खसरे एक बिस्वा या उससे कम होते हैं, नदी, नाले, पहाड़, फसलों में पानी भरा होने, फसल की लंबाई 8 से 10 फिट होने, फसल में कीटनाशकों का छिड़काव होने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए खसरे में जाकर फोटो अपलोड करना संभव नहीं है इसलिए फोटो अपलोड की बाध्यता हटाई जाए।


