पिता- पुत्रों के प्रेम का अनुपम उदाहरण पदम स्मारक: तैयारियों को दिया जा रहा है अंतिम रूप, देखने पहुंच रहे प्रदेश भर के लोग

पिता- पुत्रों के प्रेम का अनुपम उदाहरण पदम स्मारक: तैयारियों को दिया जा रहा है अंतिम रूप, देखने पहुंच रहे प्रदेश भर के लोग

नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। मरुधरा की उजली रेत में निर्मल हेत के साथ धोरों की धरती पर स्वर्ग के स्वरूप को जीवंत करते हुए सिलवा मुलवास के पदम पैलेस में स्थित पिता पुत्रों के प्रेम का अनुपम उदाहरण पदम स्मारक के लोकार्पण को लेकर तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शुक्रवार को कानाराम-शंकर- धर्मचंद कुलरिया ने हेलीपैड, भोजनशाला, योगशाला, स्मारक, संग्रहालय, लाइब्रेरी, केंटीन, अतिथि निवास की जिम्मेदारी सम्बंधितो को दी। वहीं ब्रह्मलीन गौसेवी संत श्री पदमाराम जी कुलरिया की स्मृति में बने पदम् स्मारक सहित पूरे पदम पैलेस को रंगीन रोशनियों से सजाया गया। कार्यक्रम को लेकर पूरे नोखा में उत्साह का माहौल बना हुआ है नोखा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की स्कूली विद्यार्थी, अभिभावकों व गणमान्यजन स्मारक को देखने के लिए पहुंच रही है। उन्होंने हाईटेक पदम् स्मारक को देखकर कहा कि अपने पिता की यादों को सहेजने के लिए कानाराम-शंकर-धर्मचंद कुलरिया अपने गांव मे ऐसा पदम् स्मारक का बनांकर के अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया है। यह स्मारक अब ज्ञान के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो आने वाले वर्षों में छात्रों की पीढ़ियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार है। इसी तरह संग्रहालय को भी एक प्रेरणा का पाथेय बनाया है।

संत जी के जीवन वृत्त को दर्शाने वाला संग्रहालय अपने आप में एक अनुपम और जीवन के तमाम पहलुओं को एक नई सोच एक नए विजन और नए उद्देश्यों को प्रतिफलित करने वाला संग्रहालय है संग्रहालय में सुसज्जित समस्त भौतिक उपादान अपने आप में एक प्रेरणा का संदेश देने वाले हैं कि संत जी ने अपने साधारण से जीवन में जो असाधारण कार्य किया वह दूसरों के लिए जीवन जीने की कला का एक प्रत्यक्ष प्रमाण बनेगा आम जन के लिए एक नजीर बनेगा और यही उनके पुत्रों की आकांक्षा है कि इस संग्रहालय में प्रवेश करके और प्रदक्षिणा कर के जैसे ही बाहर निकले उन्हें जीवन को कैसे जिया जाए इसका मूल मंत्र उन्हें सहज में ही मिल जाए बस यही उनकी मन की भावना है और वह निश्चित रूप से संत जी की कृपा प्रसाद और पदम स्मारक का जो दिव्य स्वरुप है वह अपने आप में एक सहज रूप में प्रतिफलित होता है।

कानाराम-शंकर-धर्मचंद कुलरिया ने बताया कि इस कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र, बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, आचार्य बालकृष्ण, संत मुरलीधर महाराज, पोकरण विधायक प्रताप पुरी महाराज, महामंडलेश्वर बजरंगदास महाराज, सुखदेव महाराज मौजूद रहेंगे। 11 फरवरी की शाम साढ़े 6 बजे से आयोजन स्थल पर भजन संध्या और सत्संग-जागरण का कार्यक्रम आयोजित होगा। सोमवार 12 फरवरी को सुबह 5 बजे से 9 बजे तक योग गुरू बाबा रामदेव के सानिध्य में सामूहिक योगाभ्यास किया जाएगा।

पदम् स्मारक का अवलोकन करने राजस्थान सरकार के पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर, मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र भट्टड़ सहित, बीकानेर, नागौर, जोधपुर के लोग पहुंचे। कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया ने बताया कि स्मारक परिसर में निर्मित पुस्तकालय, संग्रहालय का लोकार्पण और ब्रह्मलीन गौसेवी संत श्री पदमाराम जी कुलरिया की 11 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण के साथ बालिका स्कूल का शिलान्यास सुबह 10 बजे किया जाएगा। ज्ञात रहे भामाशाह कानाराम-शंकर-धर्मचंद कुलरिया द्वारा अपने पिता ब्रह्मलीन गौसेवी संत पदमाराम कुलरिया की स्मृति में करोड़ों रुपए की लागत से बहुउपयोगी पदम स्मारक का निर्माण करवाया गया है।

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