राम मंदिर के लिए 51 लाख रुपए भेंट किए: नोखा के सिलवा गाँव के कुलरिया परिवार ने अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में किया सहयोग

राम मंदिर के लिए 51 लाख रुपए भेंट किए: नोखा के सिलवा गाँव के कुलरिया परिवार ने अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में किया सहयोग

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नोखा के उद्योगपति और भामाशाह भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया की ओर से 51 लाख रुपए का चेक सींथल पीठाधीश्वर क्षमाराम महाराज की प्रेरणा से शनिवार देर शाम को आयोजन के दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को भेंट किया गया।

इस अवसर पर चंपत राय ने कहा कि कुलरिया परिवार अपने सेवा प्रकल्पों और समाज सेवा के लिए पूरे देश में जाना जाता है। मंदिर निर्माण के समय नरसी कुलरिया ने 2.31 करोड़ रुपए का योगदान भी दिया था। उन्होंने संत दुलाराम कुलरिया परिवार के तीनों पुत्रों भंवर, नरसी, और पूनम कुलरिया के सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि धार्मिक कार्यों में सहयोग के लिए यह परिवार हमेशा अग्रणी पंक्ति में खड़ा रहता है।

उन्होंने अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अभी रामलला बाल रूप में हैं। पांच वर्ष की आयु की रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा की गई है। मंदिर के ऊपरी भाग में पूरे राम दरबार का मंदिर, लक्ष्मण, हनुमान जी, अहिल्या, सबरी सहित अन्य देवों के मंदिर का निर्माण चल रहा है। कुलरिया परिवार की ओर से प्राप्त 51 लाख रुपए की राशि मंदिर निर्माण में उपयोग होगी।

चौपाइयों से पंडाल में धर्ममय हुआ माहौल

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में अयोध्या धाम में श्रीराम मंतार्थ मंडपम में रामप्यारी देवी कुलरिया की प्रेरणा से भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया द्वारा आयोजित रामचरितमानस नवाह्न पारायण पाठ के तीसरे दिन शनिवार को व्यास पीठ पर विराजित सींथल पीठाधीश्वर क्षमाराम महाराज ने सीता स्वयंवर प्रसंग का रामचरितमानस की चौपाइयों के साथ सुंदर वर्णन किया। सीता स्वयंवर के पूरे प्रसंग के दौरान भजनों और रामचरितमानस की चौपाइयों से पंडाल में हर्षोल्लास का माहौल रहा।

अर्थ का विसर्जन भी करें

सींथल पीठाधीश्वर ने कहा कि अर्थ के सृजन के साथ-साथ भगवान की भक्ति और लोक कल्याण के कामों में अर्थ का विसर्जन करना भी आवश्यक होता है। भंवर, नरसी और पूनम कुलरिया हमेशा धार्मिक आयोजनों, गोसेवा आदि में धन खर्च करते हैं, तो भगवान चार गुणा वापस इनको लौटा देता है। धन के प्रति आसक्ति उचित नहीं है। हमारे शास्त्रों में यही मनुष्य का कर्तव्य बताया गया है।

देश के कोने-कोने से पहुंच रहे श्रद्धालु

शनिवार शाम को आयोजन में कई साधु-संत पहुंचे। बड़ी छावनी पीठाधीश्वर परमहंसदास महाराज, कमलनयन महाराज और हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज आदि ने रामचरित मानस पाठ पर प्रवचन दिया। आयोजन में शामिल होने के लिए मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, बैंगलोर, और अन्य बड़े शहरों से बड़ी संख्या में कुलरिया परिवार के रिश्तेदार और श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का क्रम अनवरत जारी है। खेड़ापा धाम के महंत पुरुषोतम महाराज, दुबई से अमराराम जांगिड़, हीरालाल माकड़, श्रीबालाजी, देवाराम चूयल, पन्नालाल खोखा, पुरखाराम नागल, तोलाराम सिलग, बजरंग पाटोतिया, हरिराम कुलरिया, प्रदीप माकड़, मेहरा राम जोधपुर, डा. मोहनलाल, हरेन्द्र उत्तम, हरिश मांडण, श्रवण धामू, जयदयाल मांडण, राधाकिसन नागल, भूराराम, मदनलाल मांडण, पूर्व अधिकारी हनुमानवान, माकड़, नारायण माकड़ सहित कई रिश्तेदार अयोध्या पहुंचे।

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