धनवान हो और चतुर हो लेकिन धर्मात्मा नहीं तो वह जलविहिन बादल समान:-श्री क्षमाराम महाराज

धनवान हो और चतुर हो लेकिन धर्मात्मा नहीं तो वह जलविहिन बादल समान:-श्री क्षमाराम महाराज

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। अयोध्या में विगत सात दिनों से राजस्थान के करीब 15 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में श्रीराम चरित मानस पाठ का श्रवण लाभ ले रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में गौलोकवासी संतश्री दुलाराम कुलरिया के आशीर्वाद व रामप्यारी देवी कुलरिया की प्रेरणा से रामलला की नगरी में बुधवार को श्री रामचरितमानस पाठ के सातवें दिवस श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा। श्रीरामस्नेही सम्प्रदाय सींथल पीठाधीश्वर महंत श्रीक्षमाराम महाराज ने कहा कि कोई कितना भी धनवान हो, कितनी ही चतुराई हो, लेकिन यदि धर्मात्मा नहीं है तो वो जलविहिन बादल समान है।

सातवें दिवस पर श्री रामचरितमानस सुनने उमड़े हजारों श्रद्धालू

प्रभु श्रीराम ने कभी ऊंच-नीच और जात-पात का भेद नहीं किया। काम, क्रोध और लोभ हमेशा व्यक्ति को दुर्गति देता है। श्रीक्षमारामजी महाराज ने कहा कि आप द्वारा किए गए धर्म-कर्म का लेखा-जोखा आपके भाग्य को प्रभावित करता है। प्रभु श्रीराम ने सदैव धर्म का पालन करते हुए कर्म को प्रधानता दी। आयोजन से जुड़े प्रेम कुलरिया ने बताया कि भामाशाह भंवर नरसी पूनम कुलरिया ने कथा वाचक श्रीक्षमाराम महाराज का तिलक निकाल कर परिवार के साथ आरती की। बुधवार को जगद्ग़ुरु रामदिनेशाचार्यजी महाराज, निंबारामजी क्षेत्र प्रचारक राजस्थान आरएसएस, महंत मनीषदास महाराज, मधुकरिया महंत मिथिला बिहारीदास महाराज, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, गिरीशपति त्रिपाठी महापौर एमएबी दास मंचासीन रहे एवं श्यामसुंदर नागल, अशोक चेन्नई, हड़मान लेखराव, दामोदर जोपिंग, ओमप्रकाश धामू, तुलसीराम कुलरिया, रवि विश्वकर्मा, श्री रामप्यारे विश्वकर्मा, प्रेम कुलरिया, एंकर तिलोक माकड़, सुरेश माकड़ आदि का सान्निध्य रहा। आयोजन में उगमाराम, मघाराम, कानाराम, भूराराम, शंकर, चीमाराम, धर्म, दीपक, सुखदेव, लालचंद, अशोक, जय, राजेश, नरेन्द्र, गोपीकिशन, जगदीश, मोहित, जनक, अभिषेक, जयंत, तनय, दिव्यंत, कृशिव, शिवम एवं समस्त कुलरिया परिवार, मूलवास-सीलवा (नोखा) द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया।

nokhatimes

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page