नोखा में भागवत कथा के समापन पर निकली शोभायात्राः कथावाचक बोले- संसार में भागवत से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं बना, जो ग्रहण करता है मोह-माया से दूर हो जाता है

नोखा में भागवत कथा के समापन पर निकली शोभायात्राः कथावाचक बोले- संसार में भागवत से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं बना, जो ग्रहण करता है मोह-माया से दूर हो जाता है

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। नोखा वार्ड नंबर 41 के संचेती खेड़ी में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ। इस सात दिवसीय कथा के समापन समारोह में व्यास पीठ पर विराजमान मुकेश महाराज ने भागवत की महिमा का बखान करते हुए कहा कि संसार में भागवत से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं बना है। यह हमें घर, परिवार, और समाज में कैसे रहना चाहिए, इसकी शिक्षा देता है, और जो भी व्यक्ति इसे ग्रहण करता है, उसका संसार की मोह-माया से पीछा छूट जाता है।

समापन समारोह में पार्षद जेठूसिंह राजपुरोहित ने सनातन धर्म में गाय की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों और देवताओं ने हजारों साल पूर्व गाय को माता का दर्जा दिया था, जो आज भी घर-घर में पूजी जाती है।

उन्होंने माताओं से आग्रह किया कि वे अपनी नवजात संतान को दो वर्ष की आयु तक गाय का दूध पिलाएं, जिससे संतान में जीव दया, परिवार, और समाज के प्रति सद्गुणों का विकास होगा, साथ ही वह सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहेगा और सनातन संस्कृति के गुण उसमें उत्पन्न होंगे।

इस अवसर पर सर्प मित्र जगदीश पारीक ने बताया कि वे 25 वर्षों से सर्पों को पकड़ने में सहयोग कर रहे हैं और अब तक 1500 से अधिक जहरीले सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ चुके हैं। उन्होंने जीव संरक्षण को सबका धर्म बताया।

भागवत कथा के आयोजन में सहयोग देने वाले भामाशाहों, जैसे मुकेश पारीक, मुकेश जोशी, भंवरलाल छींपा, हमीराराम डूडी, चंपालाल, फुसा राम, पन्नालाल, विकास, अर्ज पारिक सहित सभी सहयोगियों का अभिनंदन किया गया। समापन समारोह के बाद भागवत कथा की शोभायात्रा निकाली गई, जो कस्बे के विभिन्न स्थानों से गुजरी और लोगों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। शोभायात्रा का समापन जोरावरपुरा टंकी के पास स्थित हनुमानजी मंदिर में किया गया। आयोजन समिति के सदस्य भंवरलाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह भागवत कथा स्थल पर हवन का आयोजन किया जाएगा।

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