अखिल भारतीय साहित्य परिषद नोखा इकाई ने साहित्यकारों की काव्य गोष्ठी का आयोजन किया: वरिष्ठ कवियों ने हिंदी-राजस्थानी कविताओं से बांधा समां

अखिल भारतीय साहित्य परिषद नोखा इकाई ने साहित्यकारों की काव्य गोष्ठी का आयोजन किया:  वरिष्ठ कवियों ने हिंदी-राजस्थानी कविताओं से बांधा समां

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। अखिल भारतीय साहित्य परिषद नोखा इकाई ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर नोखा के वरिष्ठ कवि इंद्र चंद वैद ने नव संवत्सर का स्वागत किया। उन्होंने हिंदी और राजस्थानी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।

विजय कुमार तिवाड़ी ने राष्ट्र प्रेम पर आधारित कविता प्रस्तुत की। उनकी पंक्तियां “मैं राष्ट्र धर्म का अनुयायी, बिकना मुझे स्वीकार नहीं” श्रोताओं के बीच खूब सराही गईं। दीपक कुमार ‘गंगानगरी’ की गजल “कोई तदबीर नहीं कारगर, दर्द यूं ही बाकी है” ने सभी को भावविभोर कर दिया।

वरिष्ठ कवियत्री उर्मिला तापड़िया ने सामाजिक समरसता पर काव्य पाठ किया। उनकी कुटुंब प्रबोधन की रचना ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। महावीर प्रसाद शर्मा बूंदी ने श्रृंगार रस की कविता “मेरी जिन्दगी खूबसूरत हो जायेगी, तूं मुस्कुराया कर” प्रस्तुत की। उन्होंने चौपाइयां और मुक्तक भी सुनाए।

राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर का बताया। राष्ट्रीय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बिश्नोई ने कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित करने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम का संचालन नेमीचन्द गहलोत ने किया।

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