नोखा के अभिषेक को मिला बेस्ट फायर अवार्ड: 90 दिन तक कमांडो कंवर्जन कोर्स में 300 लोगों ने लिया भाग, महानिरीक्षक ने किया स्वागत

नोखा के अभिषेक को मिला बेस्ट फायर अवार्ड: 90 दिन तक कमांडो कंवर्जन कोर्स में 300 लोगों ने लिया भाग, महानिरीक्षक ने किया स्वागत

नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। आईटीबीपी भानू के सहायक सेनानी अभिषेक राठौड़ ने एनएसजी कमांडो कंवर्जन कोर्स में बेहतरीन प्रदर्शन कर कई खिताब अपने नाम किए हैं। राठौड़ नोखा निवासी है। राठौड़ ने इस पूरे कोर्स में बेस्ट फायरर के साथ ओवरऑल बेस्ट स्टूडेंट का भी खिताब अपने नाम किया है। पंचकूला में तैनात सहायक सेनानी अभिषेक राठौर ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) मानेसर गुरुग्राम में कमांडो कन्वर्जन कोर्स में हिस्सा लिया था। इस दौरान बेस्ट फायर और ओवरऑल बेस्ट स्टूडेंट का स्थान हासिल किया है। इस कोर्स में सभी केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल और भारतीय सेना के लगभग 300 कमांडो ने भाग लिया था। मानेसर में 30 सितंबर से 28 दिसंबर तक एनएसजी कमांडो कोर्स चलाया गया।

आईटीबीपी भानू में तैनात इंस्पेक्टर पवन ने बताया कि अभिषेक राठौड़ साल 2017 में इन्होंने आईटीबीपी में सहायक सेनानी के पद पर ज्वाइन किया था। अधिकारी को साल 2022 और 2023 में बल का सर्वश्रेष्ठ पिस्टल फायरर चुना गया है। महानिरीक्षक आनंदपाल सिंह निंबाड़िया ने एनएसजी में बेस्ट फायरर और ओवरऑल बेस्ट कमांडो की उपलब्धि हासिल करने के बाद राठौड़ का स्वागत किया। इस दौरान ब्रिगेडियर गुरिंदर पाल सिंह गिल, उपमहानिरीक्षक (प्रशासन) डॉ. टेकचंद उप महानिरीक्षक अन्य अधिकारी और संस्थान में उपस्थित सभी हिमवीर, हिमवीरांगनाओं ने स्वागत किया।

एनएसजी में जाने के लिए कमांडो कन्वर्जन कोर्स जरूरी

सहायक सेनानी अभिषेक राठौर ने बताया कि एनएसजी में जाने के लिए एनएसजी कमांडो कन्वर्जन कोर्स जरूरी होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद ही एनएसजी को ज्वाइन कर सकते हैं। अब वह भी आईटीबीपी से तकरीबन 5 साल के लिए एनएसजी मेगे डेपुटेशन पर जाएंगे। राठौर ने साल 2023 में ऑल इंडिया पुलिस कमांडो प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।

24 घंटे में सोने के लिए सिर्फ 2 घंटे

सहायक सेनानी अभिषेक राठौर ने बताया कि कमांडो कन्वर्जन कोर्स 90 दिन के लिए था। इसमें हथियारों से लेकर कई तरह के ऑपरेशन और कई तरह की प्रैक्टिस करवाई जाती है। इसमें फिजिकल ही नहीं, ममेंटली तौर पर फिट रखने के लिए भी ट्रेनिंग करवाई जाती है। 90 दिन के इस कोर्स में 24 घंटे के अंदर सिर्फ 2 से ढाई घंटे ही सोने के लिए मिलते थे।

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