नोखा में शुक्रवार से शुरू होगा प्रेक्षा ध्यान साधना शिविर: मुनि कमल कुमार बोले- जन्म-मृत्यु कषाय का फल
नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। जन्म और मृत्यु सब कषाय का ही फल है। ये विचार नोखा के जोरावरपुरा तेरापंथ भवन में गुरुवार को आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनि कमल कुमार ने प्रवचन कार्यक्रम के दौरान रखें। उन्होंने कहा कि में कहा कि जन्म ओर मृत्यु ये सब कषाय का खेल है। कषाय राग और द्वेष पर मनुष्य को विजय पाने वाला मनुष्य का जीवन सार्थक बन जाता है, मनुष्य को अपने जीवन में राग और द्वेष की भावना कम रखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने को कुछ गलत बोल रहा है या गाली दे रहा है तो कुछ समय के लिए शांत हो जाओ, और हम खुद स्वय ने आवेश में आ कर कुछ गलत बोल दिया हो तो सरल हृदय से कर लेना चाहिए। जिससे भीतर की जुड़ी हुई गांठ को खोला जा सके और मैत्री भाव बना रहे।
मुनि श्री ने कहा कि जैन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो जीने ओर मरने वास्तविक कला को जनता हैम जीने की कला तो सब जानते है पर मरने की कला कोई नहीं जनता है। जैन धर्म में संथारा संलेखना करके मृत्यु को आमंत्रण देता है और उन अंतिम
समय में तप, जप और स्वाध्याय में लीन हो जाता है अपने कर्मों को तप रूपी आग में तपा कर अपनी आत्मा कुंदन बना लेता है और भव पर कर जाता है। मुनि श्री ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में ये तेरा है, ये मेरे है करता है और अंतिम समय कुछ भी नहीं मिलता मिलता है तो अपने अपने कर्मों का हिसाब मिलता है इसलिए अच्छे कर्म करो, अपनी आत्मा की मलीनता पर मेल मत लगने दो, साफ रखो और समतामय जीवन जियो।
मुनि श्री ने कहा कि प्रेक्षा ध्यान साधना 3 दिवसीय शिविर का आयोजन शुक्रवार से शुरू होने जा है। जिसमें अधिक समय मौन रहना, ध्यान, स्वाध्याय, जप आदि का प्रयोग करवाया जाएगा जिसमें मोबाइल का विशेष वर्जन रहेगा।