समाज में मिसाल बने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकः मृत्यु भोज में खर्च होने वाले 5 लाख रुपए गौशालाओं को दान किए

समाज में मिसाल बने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकः मृत्यु भोज में खर्च होने वाले 5 लाख रुपए गौशालाओं को दान किए

नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक भगवानाराम डेलू ने मृत्यु भोज की कुरीति के खिलाफ सराहनीय पहल की। बांके बिहारी गौशाला रासीसर में आयोजित गोकथा के दौरान उन्होंने न केवल मृत्यु भोज न करने का संकल्प लिया, बल्कि इसमें खर्च होने वाली 5 लाख रुपए की राशि को विभिन्न गौशालाओं में दान करने का निर्णय भी लिया।

बांके बिहारी गौशाला रासीसर को 3 लाख रुपए, श्री जंभेश्वर गौशाला मुकाम को 1 लाख रुपए, नंदी गौशाला नोखा को 50 हजार रुपए और बरसिंग वाली नाडी जांगलू की ओपन गौशाला को 50 हजार रुपए। सभी गौशालाओं को यह राशि कथास्थल पर ही प्रदान कर दी गई।

इस सराहनीय पहल की प्रशंसा कथावाचक राजेंद्रानंद जी महाराज हरिद्वार, मुकाम पीठाधीश्वर रामानंद जी महाराज, समराथल महंत रामकृष्ण जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने की। गौशाला अध्यक्ष लूणाराम गोदारा, संरक्षक जयसुखराम सीगड़, समाजसेवी शिवकरण डेलू और जांगलू गौशाला अध्यक्ष सहीराम खीचड़ ने इसे समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।

धार्मिक नेताओं का मानना है कि भगवानाराम डेलू के इस निर्णय से प्रेरित होकर समाज के अन्य लोग भी मृत्यु भोज की परंपरा को त्याग कर इस धन का उपयोग सामाजिक और धार्मिक कार्यों में करेंगे, जो समाज के विकास में सहायक होगा।

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