सत्संग से बड़ा कोई सुख नहीं है- डॉ मुनि अमृत कुमार
नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। सत्संग से बड़ा कोई सुख नहीं है। ये विचार रविवार को घीया निवास पर डॉ मुनि अमृत कुमार ने रखें। उन्होने कहा कि वर्तमान में ध्यान की उपयोगिता है। उत्कृष्ट साधना ध्यान ही है। मेरू पर्वत के आसपास महाविदेह क्षेत्र है। प्रत्याख्यान में करण और योग आवश्यक है। मन, वचन, काया, तीन करण-तीन योग है। सत्संग से बड़ा कोई सुख नहीं है कुसंगत से बड़ा कोई दुख नहीं है। युवा मुनि उपसम कुमार ने कहा कि व्यक्ति अपना स्वार्थ का त्याग करें। दूसरों की भलाई में समय लगाए। बाल्यकाल के सुसंस्कार ही व्यक्ति को महान बनाता है। किसी को कष्ट न दे, व्यसन मुक्त रहने की प्रेरणा दी। तेरापंथ सभा मंत्री इन्द्रचंद बैद ने बताया कि मुनि द्वय का नोखा विराजना धार्मिक उद्योत जगायेगा। आलस्य प्रमाद त्याग कर सफलता का जीवन जीए। प्रतियोगिता परिणाम सुरेश बोथरा ने बताया और रात्रि में भजन मंडली द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी।