पदम स्मारक में अनहद नाद की अलौकिक अनुभूतियों के साथ कबीर यात्रा का हुआ समापन:भामाशाह व उद्योगपति धर्मचंद कुलरिया ने आए हुए सभी भक्तों का अभिवादन व स्वागत अभिनंदन किया
नोखा टाइम्स न्यूज़,नोखा।। संत कबीर के शाश्वत संदेशों सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों से आपूरित कबीर यात्रा का समापन ब्रह्मलीन संत पदमाराम कुलरिया की स्मृति में निर्मित पदम स्मारक में कबीर की अनहद वानियो के साथ संपन्न हुआ। इस यात्रा में कबीर के अनुयाई और वाणी के परम प्रशंसक भक्तों ने शिरकत की। इस यात्रा में न केवल भारत के बल्कि विदेशों से भी अनेक अनुयाई शामिल हुए।
रविवार को सुबह 9 बजे से पदम स्मारक पर संत पदमाराम कुलरिया की भावनाओं के अनुरूप यहां सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग आयोजन में भामाशाह व उद्योगपति धर्मचंद कुलरिया ने सभी संत भक्तों का अभिवादन व स्वागत अभिनंदन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि यह यात्रा ने केवल हमारे गांव अपितु आसपास के समूचे क्षेत्र के लिए जीवन को सार्थक सिद्ध करने वाली साबित हुई है। इस यात्रा के अनेक मायने प्रतिफलित हुए हैं। जिनमें मानव जीवन के सारभूत रूप की बातें इस सत्संग में वाणी के द्वारा की गई।
कबीर यात्रा में कलाकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। अरुण गोयल ने अपनी भजन प्रस्तुतियां में समा बांध दिया और एक दिव्या भावों की अनुभूति पदम स्मारक के कन-कन में पर्याप्त होने लगी। इसके अलावा बाड़मेर के सूफी कलाकार शकूर खान और उसकी पार्टी ने भी भजनों की प्रस्तुति दी। उसके बाद जीवन के सार तत्व को अनुभूत करवाया। मदन गोपाल सिंह व गायिका श्रुति ने भी अपनी गायकी के अंदाज और नामदेव के विभिन्न प्रसंगों से मराठी लोगों की भावनाओं को अपनी वाणी में अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम में सभी आगंतुको को गोमाता की प्रतिमा व संत साहित्य पदम ग्रुप के सदस्यों और परिवारजनों ने भेंट किया। उसके साथ सभी ने प्रसाद ग्रहण किया और मन में लोकमंगल की भावना लेकर कबीर यात्रा की सुनहरी स्मृतियां और यादें लेकर प्रस्थान किया।
संचालन जयकरण चारण ने किया। कार्यक्रम में शिवजी सुथार कलाकार, अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र भट्टड़, मुन्नीलाल माकड़, मांगीलाल माकड़, गोपाल सुथार, श्रवण जोशी, पप्पू सेन, महेश नागल आदि उपस्थित रहे।