निःशुल्क शिक्षा के लिए 25 मार्च से शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन: 9 अप्रैल को निकलेगी लॉटरी; 7 दिन में जमा कराने होंगे डॉक्युमेंट्स


नोखा टाइम्स न्यूज, नोखा।। राजस्थान के करीब 31 हजार प्राइवेट स्कूलों में RTE के तहत फ्री एडमिशन के लिए 25 मार्च से ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे। शिक्षा विभाग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। 9 अप्रैल को लॉटरी निकाली जाएगी, जिसके आधार पर बच्चों को एडमिशन मिलेगा। इसके बाद डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन होगा। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि सभी प्राइवेट स्कूलों को 24 मार्च तक अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगी। 25 मार्च से 7 अप्रैल तक पेरेंट्स ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह प्रक्रिया ई-मित्र के जरिए या खुद भी पूरी कर सकते हैं। 9 अप्रैल को एनआईसी लॉटरी जारी करेगा।
लॉटरी निकलने के बाद 9 से 15 अप्रैल तक पेरेंट्स को संबंधित स्कूल में डॉक्युमेंट जमा कराने होंगे। इसी अवधि में स्कूल चयन के क्रम में बदलाव भी किया जा सकता है। 9 से 21 अप्रैल तक प्राइवेट स्कूल आवेदन पत्रों और दस्तावेजों की जांच करेंगे। 22 अप्रैल को एनआईसी सभी आवेदनों को ऑटो वेरिफाई करेगा। 9 से 24 अप्रैल तक दस्तावेजों में बदलाव और सुधार की सुविधा भी मिलेगी। 28 अप्रैल तक स्कूल फिर से सभी आवेदन पत्रों की जांच करेंगे। 5 मई तक सीबीईओ उन आवेदनों की जांच करेंगे, जिन्हें स्कूल ने रिजेक्ट किया होगा।
9 मई को पहली चयन सूची जारी होगी। इसके बाद दूसरी सूची 16 जुलाई से 5 अगस्त के बीच जारी की जाएगी। 31 अगस्त तक सभी विद्यार्थियों का एडमिशन पूरा कर लिया जाएगा। RTE कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों को एंट्री लेवल की कक्षा में 25% सीटों पर फ्री एडमिशन देना होगा। बाकी 75% सीटों पर फीस लेकर प्रवेश दिया जाएगा। फ्री एडमिशन का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। बच्चे को उसी वार्ड या गांव के निजी स्कूल में प्राथमिकता मिलेगी। सीट खाली रहने पर दूसरे वार्ड के बच्चों को प्रवेश मिलेगा। लॉटरी में दिव्यांग और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्री-प्राइमरी क्लास के लिए 3 से 4 साल और क्लास फर्स्ट के लिए 6 से 7 साल तक के बच्चे आवेदन कर सकते हैं। आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए। परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपए से कम होनी जरूरी है। एडमिशन के लिए आय प्रमाण पत्र, बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी होंगे।
ऑटो रिपोर्टिंग सिस्टम लागू किया गया है। पहले पेरेंट्स को 5 स्कूलों में से किसी एक में ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होती थी, लेकिन कई बार वे यह करना भूल जाते थे। अब यह प्रक्रिया ऑटोमैटिक होगी। डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन में निजी स्कूल संचालक सिर्फ आपत्ति दर्ज कर सकेंगे, लेकिन दस्तावेज रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। आपत्ति के बाद सीबीईओ जांच करेंगे कि स्कूल की आपत्ति सही है या नहीं।



