नोखा में पानी टैंकर की कीमत दोगुनी: पेयजल संकट गहराया, स्थानीय लोगों ने जताया रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

नोखा टाइम्स न्यूज़, नोखा।। बीकानेर के नोखा कस्बे में पेयजल संकट गहरा गया है। जलदाय विभाग की पानी सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इस कारण लोगों को निजी टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
हाल ही में निजी ट्यूबवेल मालिकों ने पानी टैंकर की कीमतें दोगुनी कर दी हैं। पहले जहां एक टैंकर 250-300 रुपए में मिलता था, वहीं अब इसकी कीमत 500-600 रुपए हो गई है। इस मुद्दे को लेकर सर्व समाज संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया। समिति ने एसडीएम के माध्यम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
यह मामला नगरपालिका के एक नोटिस से जुड़ा है। कुछ दिन पहले नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी ने एसडीएम के मौखिक आदेश पर निजी ट्यूबवेल मालिकों को नोटिस जारी किए थे। मगर तीन दिन बाद ही प्रशासन ने इन नोटिस को स्थगित कर दिया। इसके बाद ट्यूबवेल मालिकों ने टैंकर की कीमतें बढ़ा दीं।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि अधिकतर निजी ट्यूबवेल सरकारी मानकों को पूरा नहीं करते। न तो ड्राइवरों के पास लाइसेंस है और न ही वाहनों का बीमा या फिटनेस सर्टिफिकेट है। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
गर्मी के मौसम में जहां सरकार गरीब परिवारों को मुफ्त पेयजल टैंकर उपलब्ध कराती है, वहीं नोखा में लोगों को महंगे दामों पर पानी खरीदना पड़ रहा है। कंटीजेंसी प्लान में आवंटित बजट का भी पेयजल के लिए कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
ये मांगे रखी
1 इस भीषण गर्मी के मौसम में निजी पेयजल ट्यूबवेल संचालकों द्वारा बढोतरी की गई दरें जल्द से जल्द कम व वाजिब दर निर्धारित किए जाने हेतु पाबन्द किया जाए।
2 सभी निजी पेयजल टैंकरों के ड्राईवरों के ड्राइविंग लाईसेंस सहित संबंधित समस्त कागजातों की पूर्ण जांच करवाई जाए और निजी ट्यूबवेल के लिए निर्धारित सभी मापदण्डों की पालना करवाई जाए।
3 नोखा कस्बे के प्रत्येक गरीब परिवार के लिए निशुल्क पेजयल पानी टैंकर की समुचित व्यवस्था करवाई जाए।
4 जलदाय विभाग में लम्बे समय से हो रहे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और सालों से जमे बैठे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाए और नोखा शहर क्षेत्र में नियमित पेयजल सप्लाई हेतु कार्मिकों की लॉगबुक का निरीक्षण कर पानी सप्लाई बरती जा रही अनियमितताओं के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन में बताया कि हमारी चार सूत्री मांगों पर सहानुभूति पूर्वक एक सप्ताह के भीतर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करवाएं अन्यथा मजबूरन हमें जनआंदोलन, अनिश्चित कालीन धरना एवं प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा।


